शुक्रवार, 7 जनवरी 2011

कुरीतियां छोडो, आगे बढो

समाचार स्रोत-www.pressnote.in
प्रकाशन तिथि-28 Dec, 09 12:37

बीकानेर। मेघवाल समाज में व्याप्त कुरीतियों को त्यागने के लिए सार्दुल क्लब मैदान में रविवार को मेघवंशीय समाज चेतना संस्थान के तत्वावधान में महासम्मेलन आयोजित हुआ। सुषमा चिराणियां ने झण्डारोहण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। महासम्मेलन में बीकानेर सहित विभिन्न जिलों से आए हजारों लोगों ने कुरीतियों को छोडने का संकल्प लिया।
इस मौके पर विभिन्न राजनीतिक दलों से जुडे जनप्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे। महासम्मेलन में संस्थान के प्रदेश संयोजक रामेश्वर लाल कल्याण ने कहा कि जिस समाज ने कुरीतियां छोड दी वह आज अग्रसर हैं। कल्याण ने संस्थान की प्रगति रिपोर्ट भी पेश की। महासचिव मदन दुदवाल ने कहा कि जब तक मृत्युभोज, बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसी कुरीति रहेंगी समाज पिछडा ही गिना जाएगा। सम्भागीय संंयोजक कानाराम घूंघरवाल व वाणिज्य कर अधिकारी पन्नालाल मेघवाल ने कहा कि अब हमें कुरीतियों को उखाड फेंकना है। महासम्मेलन की मेघवंश समाज स्नेह मिलन संस्था, राजस्थान अम्बेडकर शिक्षक संघ, मौहल्ला विकास समिति बडी जस्सोलाई, राजस्थान मेघवाल समाज, राष्ट्रीय दलित मोर्चा आदि संगठनों के पदाधिकारियों ने सराहना की है।

महासम्मेलन में भाग लेने समाज की महिलाएं मंगल गीत गाती पहुंची। लोग उत्साहित नजर आए। प्रवक्ता मनोज भद्रवाल ने बताया कि सम्मेलन में राज्य के सभी जिलों से समाज के प्रतिनिधि पहुंचे। महिलाओं की अच्छी भागीदारी रही।

महासम्मेलन में पुष्पलता मण्डाल, सुमन चिराणिया, डॉ. विमला डुकवाल, के.आर. मेघवाल, नेवेयली के मुख्य प्रबंधक आम्बाराम इणखिया, मेडता सिटी के विधायक सुखाराम मेघवाल, मास्टर सतवीर, संत विजयानन्द , जुगल हटीला, कानाराम, राजकुमार चन्दन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मदन गोपाल मेघवाल, राजकुमार चन्दन आदि ने विचार व्यक्त किए। समापन पर भजन मण्डली ने कुरीतियों को छोडने के लिए प्रेरित किया। महासम्मेलन में आई महिलाओं और पुरूषों ने हाथ खडा कर कुरीतियां छोडने का संकल्प जताया निगरानी समितियों का होगा गठन मेघवंशीय समाज चेतना संस्थान के महासचिव व बिक्रीकर उपायुक्त मदन दुदवाल ने कहा कि भविष्य में मृत्यु भोज नहीं हो इसके लिए निगरानी कमेटियाें का गठन होगा। इस सम्बन्ध में 3 जनवरी को बिश्नोई धर्मशाला में बैठक होगी।

महासम्मेलन में सांसद अर्जुन मेघवाल,खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, पूर्व सांसद जमना बारूपाल ,कांग्रेस नेता सुषमा बारूपाल आदि मंच की बजाय जनता के साथ बैठे दिखे। संस्थान के पदाधिकारियों के आग्रह पर सांसद मेघवाल ने अपने सम्बोधन में महासम्मेलन को ऎतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि समाज की कमजोरियों को दूर करना होगा। मेघवाल ने युवा पीढी को संगठित, संस्कारित व शिक्षित बनने के लिए पे्ररित किया। पूर्व सांसद जमना बारूपाल ने महिला शिक्षा पर जोर दिया।

Link- http://www.pressnote.in/कुरीतियां-छोडो-आगे-बढो_62243.html

2 टिप्‍पणियां:

  1. This is good step forward in right direction. it is good to leave somethings but what about accepting new right things? may we all balai's follow Baliraja's foot steps! Sunil Sardar

    जवाब देंहटाएं
  2. मेघवंशियों में अब एक बेचैनी है. वे अपनी पुरानी छवि को बदल डालने के मूड में आ चुके हैं. सुनील सरदार जी की टिप्पणी विचार करने योग्य है कि छोड़ना एक बात है परंतु ग्रहण क्या करना है इस बारे में स्पष्ट सोच की बहुत ज़रूरत है.

    जवाब देंहटाएं